Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2023 · 1 min read

सफल

अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना रखने वाला ही एक दिन अवश्य सफल होता है।

Paras Nàth Jha

333 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Paras Nath Jha
View all
You may also like:
मेरी आरज़ू है ये
मेरी आरज़ू है ये
shabina. Naaz
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
Shakil Alam
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
छैल छबीली
छैल छबीली
Mahesh Tiwari 'Ayan'
It is that time in one's life,
It is that time in one's life,
पूर्वार्थ
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
बातें नहीं, काम बड़े करिए, क्योंकि लोग सुनते कम और देखते ज्य
बातें नहीं, काम बड़े करिए, क्योंकि लोग सुनते कम और देखते ज्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चुनौती
चुनौती
Ragini Kumari
"तस्वीर"
Dr. Kishan tandon kranti
Gamo ko chhipaye baithe hai,
Gamo ko chhipaye baithe hai,
Sakshi Tripathi
अब तक मुकम्मल नहीं हो सका आसमां,
अब तक मुकम्मल नहीं हो सका आसमां,
Anil Mishra Prahari
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
ruby kumari
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कैसी पूजा फिर कैसी इबादत आपकी
कैसी पूजा फिर कैसी इबादत आपकी
Dr fauzia Naseem shad
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
Paras Nath Jha
#परिहास-
#परिहास-
*Author प्रणय प्रभात*
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-420💐
💐प्रेम कौतुक-420💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
Anand Kumar
*सर्वदा सबके लिए,सब भाँति सद्-व्यवहार हो (मुक्तक)*
*सर्वदा सबके लिए,सब भाँति सद्-व्यवहार हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
Satish Srijan
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
इश्क़ का असर
इश्क़ का असर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...