अपना न कर सके
दिनांक 2/6/19
हम चाह कर भी उन्हें अपना न कर सके
वो सामने से गुजरते रहे बात न कर सके
बदनाम गलियों में भी हम उन्हें अपना न कर सके
थाम लिया था दामन फिर भी साथ न कर सके
चाहा था दिल से पर प्यार न कर सके
बेबफा “संतोष ” रस्ता तय न कर सके
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल