अपना अनुपम देश है, भारतवर्ष महान ( कुंडलिया )*
अपना अनुपम देश है, भारतवर्ष महान ( कुंडलिया )*
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अपना अनुपम देश है , भारतवर्ष महान
हिम आच्छादित हैं शिखर ,नदियाँ इसकी शान
नदियाँ इसकी शान , झूमती है हरियाली
कोयल भरकर तान ,कूकती डाली – डाली
कहते रवि कविराय ,देश लगता है सपना
दुनिया में सिरमौर ,हिंद का वैभव अपना
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451