Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2016 · 1 min read

अनेक एक हो जाते हैं ! —–जितेन्द्र कमलआनंद ( ११३)

प्रिय आय्मन !
जब स्वयं का चोला ही रंग जाता है
उसके रंग में , तब —
अनिवार्यता नहीं रहती गैरिक वस्त्रों की
अथवा बाघम्बर की / माला जाप के मंत्रों की ,
वाह्य अस्त्र ,– शस्त्रों की , जब —
यह परब्रह्म मूर्ति , यह आनंदमूर्ति
अथवा प्रेममूर्ति
आनंद से / आनंद में / आनंद द्वारा
आनन्द के लिए / मन के दर से
मन के घर से
मन – मंदिर में प्रविष्ट हो जाती है
तब आवश्यकता नहीं रहती
मूर्ति अर्चना की …….. ( शेष फिर …)
— जितेन्द्रकमल आनंद

Language: Hindi
1 Comment · 408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
मन मसोस कर।
मन मसोस कर।
manorath maharaj
😊जाँच को आंच नहीं😊
😊जाँच को आंच नहीं😊
*प्रणय*
सुहाता बहुत
सुहाता बहुत
surenderpal vaidya
अवकाशार्थ आवेदन पत्र
अवकाशार्थ आवेदन पत्र
Otho Pat
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
श्रीकृष्ण शुक्ल
*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
हम आज़ाद या गुलाम ?
हम आज़ाद या गुलाम ?
Pooja Singh
*
*"सावन"*
Shashi kala vyas
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
शेखर सिंह
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
बुंदेली दोहा -गुनताडौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
घर क्यों नहीं जाते
घर क्यों नहीं जाते
Shekhar Chandra Mitra
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
"औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
जग से न्यारी मां
जग से न्यारी मां
Sneha Singh
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
गले से लगा ले मुझे प्यार से
गले से लगा ले मुझे प्यार से
Basant Bhagawan Roy
मैं तो कवि हुँ
मैं तो कवि हुँ
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
sushil yadav
You'll never truly understand
You'll never truly understand
पूर्वार्थ
*जातक या संसार मा*
*जातक या संसार मा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
Dr Archana Gupta
सरजी सादर प्रणाम 🙏
सरजी सादर प्रणाम 🙏
सुरेंद्र टिपरे
3410⚘ *पूर्णिका* ⚘
3410⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
- सिफारिशे -
- सिफारिशे -
bharat gehlot
Loading...