“अनुवाद”
“अनुवाद”
भाषाओं का अनुवाद
हर हाल में
कभी न कभी हो सकता है,
मगर भावनाओं को तो
समझना ही पड़ेगा,
इसके लिए इंसान को
दर्द की जमीन पर
कदम दो कदम चलना पड़ेगा।
“अनुवाद”
भाषाओं का अनुवाद
हर हाल में
कभी न कभी हो सकता है,
मगर भावनाओं को तो
समझना ही पड़ेगा,
इसके लिए इंसान को
दर्द की जमीन पर
कदम दो कदम चलना पड़ेगा।