अनुभूति…
कल्पना और यथार्थ में मात्र अनुभूति का अंतर है…अनुभूति कल्पना को जीवित कर सकती है और यथार्थ को अनदेखा…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’
कल्पना और यथार्थ में मात्र अनुभूति का अंतर है…अनुभूति कल्पना को जीवित कर सकती है और यथार्थ को अनदेखा…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’