अनुकूला छन्द
अनुकूला छन्द
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छन्द बड़ा सुंदर यह भाई।
लेखन को दे यह तरुणाई।
नाम रखा सुंदर अनुकूला।
ना करना लेखन प्रतिकूला।
मातु कृपा हो हम पर तेरी।
लेखन में हो गति अब मेरी।
आस यही है तुम पर मैया।
सदा लिखूं मैं कठिन सवैया।
अभिनव मिश्र अदम्य