अधूरी मुलाकात
शीर्षक अधूरी मुलाकात
अधूरी मुलाकात तुमसे आज मेरी रहती है।
मन की सोच कभी कभी एक एहसास सा देती है
जीवन में चाहत के सफर में अधूरी मुलाकात रहती है।
मन के भावों में तेरी चाहत आज भी रहती है।
सच अधूरी मुलाकात में जीवन संगिनी बनती है।
रंगमंच के किरदार जो हम साथ चलते हैं।
नीरज लेखन संग अधूरी मुलाकात का सच लिखा हैं
सच अधूरी मुलाकात की यादों में साथ मिलता है
मन भावों में अधूरी मुलाकात तेरा साथ रहता है।
जिंदगी अधूरी मुलाकात का सफर ही तो रहता है।
मन भावों में तेरी मेरी अधूरी मुलाकात जो रहती है
………………..सच अधूरी मुलाकात पूरी होती है।