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17 Jul 2021 · 1 min read

अधूरी कहानी

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दिल की लगी आंखों में आये,
अधरों से कुछ ना बोल सके।
मुस्काकर इठलाकर आना,
प्रीत हिया ना तोल सके।

सुबह शाम नैनन दर्पण में,
नूर मोहब्बत चमक रहा,
एक एक आहट सुनकरके,
सौम्य बदन का दमक रहा।

निशा पहर सपनों में भी,
बस अपने दिल की बात कहूँ,
बन बादल उसे समझ सावन,
छाया बन दिन रात रहूँ।

लगन हमारी प्रीत प्रियम की,
दो नदी किनारे बहता पानी।
जल प्रेम तरंगें समझ ना पाई,
रही हमारी अधूरी कहानी।।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
अशोक शर्मा , कुशीनगर
उत्तर प्रदेश 6392278218

Language: Hindi
332 Views
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