अधिनायक कौन ?
‘गीता’ को
हम
आदर्श मानते हैं ।
कर्म को
सबका गूढ़ मानते हैं ,
दूसरी तरफ
उस रचना में
‘भाग्य’ शब्द को
क्या कहा जाय ?
‘विधाता’ जहाँ
‘अधिनायक’ के सापेक्ष है,
तो इसका मतलब
‘ईश्वर’ नहीं,
अपितु ‘डिक्टेटर’ से है ।
‘जन गण मन’ की बात
सोचा जाना,
‘भारत-भाग्य-विधाता’
और
‘अधिनायक’ से
परे की बात है….