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6 Feb 2024 · 1 min read

अदान-प्रदान

आओ बैठो
पास मेरे
जुबां खामोश
शब्दों का आदान-प्रदान
वर्जित रहेगा

आंखें आंखों से
बातें करेंगी
पलकों पे एहसास होगा
नेत्र-जल
प्रेम की गहराई को
नापने का पैमाना बनेगा
बस शब्दों का आदान-प्रदान
वर्जित रहेगा

निष्ठुर शब्दों ने
कभी मौका न दिया
अब ये होगा
मन ही मन की
भाषा समझेगा
प्रीत की रीत
निभाई जायेगी
लेकिन शब्दों का आदान-प्रदान
वर्जित रहेगा

रीता मन हर्षित होकर
मयूर सम नर्तन करेगा
गूंथेगे श्वासों को
श्वासों से
माला बनायेंगे
एक दूजे के
उर मे पहनायेंगे
पर शब्दों का आदान-प्रदान
वर्जित रहेगा

मंद पवन
गुलाब की पंखुरी सम
लरजते होंठ
निशब्द स्पंदन करेगें
बांहें फड़केगी
स्पर्श करेंगीं
आलिंगनबद्ध
होने को मनाही
नही होगी
बस शब्दों का आदान-प्रदान
वर्जित रहेगा

@ अश्वनी कुमार जायसवाल

प्रकाशित

Language: Hindi
40 Views
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