अतीत
तुम जो आए जिन्दगी मे.
सोचा न था प्रीत हो जाएगी!
जिन्दगी झँझावतो सी गर्म थी,
सोचा न था शीत हो जाएगी!!
गद्य और पद्य मे ही डूबा रहा,
सोचा न था गीत हो जाएगी!!
जिन उसूलो को तोडता रहा,
सोचा न था वो रीत हो जाएगी!!
C
उम्र के इस पडाव पर आ गया,
सोचा न था अतीत हो जाएगी!!
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202,नीरव निकुजं,फेस-2.सिकंदराआगरा-282007
मो:9412443093