अतिभार
नही रहता कुछ भी है याद,
बस यह रहती है फरियाद,
भार्या पर न हो कोई भार,
न ही वाद-विवाद-अपवाद।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत
नही रहता कुछ भी है याद,
बस यह रहती है फरियाद,
भार्या पर न हो कोई भार,
न ही वाद-विवाद-अपवाद।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत