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21 May 2024 · 1 min read

अडिग हौसला

थोड़ा सा धैर्य रखा यारो,
और थोड़ा सा विश्वास,
माना परिस्थिति थी कठिन
पर मन में थी गहरी आस।
वो आस मैंने टूटने नहीं दी,
ना ही ख़ुद को कमज़ोर बनाया।
हर एक को चुनौती मानकर
मैंने अपना पूरा किया संकल्प।
पता था कब तक टिकेगी
ये परेशानी सामने मेरे,
क्योंकि थे अडिग
डटे हौसले जो मेरे।
बस परेशानियाँ भी
डरने लगी यारो,
आगे बढ़ने की राह देने लगी।
ख़ुद ब ख़ुद रास्ता बनता
चला गया,
कारवाँ बनता चला गया,
और परिस्थिति भी फिर
हाथ जोड़ने लगी।
हौसला अपनी जेब में रखकर
सफ़र तय किया,
इम्तिहान कितना भी कठिन था,
पास कर ही लिया।

Language: Hindi
20 Views
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