Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2024 · 1 min read

अटूट सत्य – आत्मा की व्यथा

मेरी कलम से ✍️ अटूट सत्य : आत्मा की व्यथा

जब साँसों की डोर टूट जाती है तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब अपने सपने छूट जाते हैं तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब देह जमीं पर रखी जाती है तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब अंतिम शैया सजाई जाती है तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब कंधों पर श्मशान ले जाते हैं तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब अग्नि के सुपुर्द हो जाता है तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब अंततः राख-ढ़ेर बन जाता है तो जाने कैसा लगता होगा ?
जब गंगा में प्रवाहित हो जाता है तो जाने कैसा लगता होगा ?

बेचारगी से देखती होगी जीवात्मा अपने प्रिय पार्थिव तन को ।
जाने क्या सोचती समझती होगी कि क्या हुआ मेरे जीवन को ?
क्यूँ शौक-संताप-मातम मंडराया मेरे घर-आँगन-उपवन को ?
क्यूँ मेरे चित्र पर माला-दीपक लगा सब दुःखी करे है मन को ?

बस इतने से जीवन की खातिर मैंने जीवनभर कर्म किया ।
कभी झूठ कभी सच को लेकर गृहस्थ का हर धर्म किया ।
कभी ना सोचा-समझा मैंने कि मेरा तन अजर-अमर नहीं ।
मृत्यु तो कटु सत्य है बंदे अपने आने की देती खबर नहीं ।
पर ज्ञानी मानव जान-बूझकर अज्ञानी सा जीवन जीता है ।
जहर को अमृततुल्य समझकर बड़े यतन-जतन से पीता है ।

मेरी कलम से ✍️ सौ. सुमिता मूंधड़ा, मालेगांव

3 Likes · 155 Views

You may also like these posts

मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
Rituraj shivem verma
"प्यार की अनुभूति" (Experience of Love):
Dhananjay Kumar
अस्तित्व को ....
अस्तित्व को ....
sushil sarna
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उलटा वर्ण पिरामिड
उलटा वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
ख्याल
ख्याल
sheema anmol
दिलों का हाल तु खूब समझता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है
नूरफातिमा खातून नूरी
इंसान का व्यस्त रहना बहुत
इंसान का व्यस्त रहना बहुत
पूर्वार्थ
5 कीमती हो जाते हैं
5 कीमती हो जाते हैं
Kshma Urmila
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
Shweta Soni
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
Ravi Prakash
"मैं दिल हूं हिन्दुस्तान का, अपनी व्यथा सुनाने आया हूं।"
Avinash Tripathi
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
कहानी
कहानी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मुलाकात
मुलाकात
Santosh Soni
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किसी ने आंखें बंद की,
किसी ने आंखें बंद की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्वाभिमान
स्वाभिमान
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
ruby kumari
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
Noone cares about your feelings...
Noone cares about your feelings...
Suryash Gupta
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
Manisha Manjari
अपने मोहब्बत के शरबत में उसने पिलाया मिलाकर जहर।
अपने मोहब्बत के शरबत में उसने पिलाया मिलाकर जहर।
Rj Anand Prajapati
Loading...