अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
जबसे मानव ने जन्म लिया देखो तबसे ही भटक रहा
जीवन की विहंगम राहों में मिला नहीं सत्यसार मगर
बचपन में खेला खूब सुनो सपने ही सपने थे ऑ॑खों में
सपनों की लड़ियाॅ॑ टूट गई मिला नहीं सत्यसार मगर
बड़ा हुआ कल्पना जागी काश कि ऐसा हो ऐसा न हो
जो होना था बस वही हुआ मिला नहीं सत्यसार मगर
आ गई जवानी मस्तानी प्यार मोहब्बत के ख्वाब बुने
कसमें वायदे ये झूठे निकले मिला नहीं सत्यसार मगर
जीवन की समझ आई तो गृहस्थी का बोझ आन पड़ा
गई बीत उम्र बस कमाने में मिला नहीं सत्यसार मगर
“V9द” बुढ़ापा आया तो सच्चाई जीवन की ज्ञात हुई
अटल सत्य बस मौत ही है मिला नहीं सत्यसार मगर