अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
आदि काल से आधुनिक काल तक
हम आ तो गये
चकमक के पत्थर से चल कर
मिसाइलों तक आ तो गये
जंगल जिसमें बिताया करते थे जीवन
उस जंगल का ही दोहन कर तो गये
प्रकृति के उपहार स्वरूप मिला था
सब को सब कुछ
पर लालच के चलते
नर्क किया जीवन
नदियों को बांधा बांधों से
पशुओं का भी छीन लिया जंगल
कैसे थे क्या हो गये है
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है