“अजीब दस्तूर”
“अजीब दस्तूर”
इस जमाने के दस्तूर भी बड़े अजीब,
चाहत के मुकाम पर रुसवाइयाँ मिली ;
अन्दाजा नहीं था ‘किशन’ हमको मगर,
शिकस्त खाने वालों से बधाइयाँ मिली।
“अजीब दस्तूर”
इस जमाने के दस्तूर भी बड़े अजीब,
चाहत के मुकाम पर रुसवाइयाँ मिली ;
अन्दाजा नहीं था ‘किशन’ हमको मगर,
शिकस्त खाने वालों से बधाइयाँ मिली।