Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 1 min read

अजनबी जैसा हमसे

(9)
अजनबी जैसा हम से मिलता है।
दर्द आँखों से तब पिघलता है ।।

जान जाती है उस के जाने से ।
ख़्वाहिशों का भी दम निकलता है ।।

टूटता है यकीन खुद पर से।
कोई मौसम सा जब बदलता है।।

कैसे पहुँचेगा एक मंज़िल पर ।
रास्ते बारहा बदलता है ।।

कोशिशों पर यकीं करो अपनी।
मुश्किलों का भी हल निकलता है।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
11 Likes · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
बहुत कष्ट है ज़िन्दगी में
बहुत कष्ट है ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh
कब तक चाहोगे?
कब तक चाहोगे?
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है  (हिंदी गजल)*
*समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
Shreedhar
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
Sonam Puneet Dubey
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गीत
गीत
Shiva Awasthi
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
कवि रमेशराज
लोग मेरे  इरादों को नहीं पहचान पाते।
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
Ashwini sharma
ज़िंदगी नाम बस
ज़िंदगी नाम बस
Dr fauzia Naseem shad
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
3360.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3360.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल _ सयासत की हवेली पर ।
ग़ज़ल _ सयासत की हवेली पर ।
Neelofar Khan
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
Shashi kala vyas
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
Sanjay ' शून्य'
- वह मूल्यवान धन -
- वह मूल्यवान धन -
Raju Gajbhiye
The Sky...
The Sky...
Divakriti
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"तहजीब"
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत खूबसूरत है मोहब्बत ,
बहुत खूबसूरत है मोहब्बत ,
Ranjeet kumar patre
बोल उठी वेदना
बोल उठी वेदना
नूरफातिमा खातून नूरी
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
Loading...