Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2024 · 1 min read

” अगर “

” अगर ”
जज्बातों को गर अल्फ़ाज़ों में ढालूँ तो
समन्दरों की लहरें भी पड़ जायेंगी कम।

1 Like · 1 Comment · 13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
*लगता है अक्सर फँसे ,दुनिया में बेकार (कुंडलिया)*
*लगता है अक्सर फँसे ,दुनिया में बेकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
*प्रणय प्रभात*
रातों में नींद तो दिन में सपने देखे,
रातों में नींद तो दिन में सपने देखे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
Ashok deep
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"मिट्टी के आदमी "
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
शरणागति
शरणागति
Dr. Upasana Pandey
घायल मेरा प्यार....!
घायल मेरा प्यार....!
singh kunwar sarvendra vikram
गुजरा कल हर पल करे,
गुजरा कल हर पल करे,
sushil sarna
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
2990.*पूर्णिका*
2990.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
दुखों से दोस्ती कर लो,
दुखों से दोस्ती कर लो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" है वही सुरमा इस जग में ।
Shubham Pandey (S P)
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज से
ज़िंदगी तेरे मिज़ाज से
Dr fauzia Naseem shad
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
जिस बस्ती मेंआग लगी है
जिस बस्ती मेंआग लगी है
Mahendra Narayan
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
Annu Gurjar
रोना ना तुम।
रोना ना तुम।
Taj Mohammad
एक दीप हर रोज जले....!
एक दीप हर रोज जले....!
VEDANTA PATEL
* मुस्कुराने का समय *
* मुस्कुराने का समय *
surenderpal vaidya
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
Shweta Soni
ना कोई हिन्दू गलत है,
ना कोई हिन्दू गलत है,
SPK Sachin Lodhi
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
Loading...