अगर वो रूठ गया है, उसे मनाया जाए
अगर वो रूठ गया है,उसे मनाया जाए।
दुबारा से उसे अपने,गले लगाया जाए।।
अगर वो खफा हैं मुझसे,उसकी मर्जी।
अगर मेरी गलती है,मुझे बताया जाए।।
चलती रहती है अनबन सभी की जिंदगी में।
हर बात को हमेशा,दिल से न लगाया जाए।।
मानती हूं उसके एहसान है मुझ पर बहुत से।
जरूरी नही,हर एहसान को उसे बताया जाए।।
ओढ़ना पड़ता है कफन,मरने के बाद सभी को।
क्यो न मरने से पहले,कफन को सिलाया जाए।।
रस्तोगी क्या लिखे,अब आखरी समय पर।
जो गलतियां की है मैने,उसे भुलाया जाए।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम