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23 Jun 2021 · 1 min read

अगर अभिवादन करते हैं !

अगर अभिवादन करते हैं,
अनसुना करते हैं वो यार,
भूली बिसरी बातों को लेकर,
हृदय को दुःख देते हैं।

मुस्कुराते हुए इशारा करते हैं,
इधर-उधर सिर घूमाते हैं यार,
आपको बुला रहें कोई कह दे,
बोलचाल नहीं है उनसे, सुन लो।

मिलने को तो वक्त नहीं है,
जब पास मिले तो मन नहीं मिलता,
महफिल में आकर बैठ गए हैं ,
ऐसे ही न जाने कितने बैठे हैं यार ।

अंदर-ही-अंदर दम घुटता है ,
बाहर से अच्छे दिखते हैं,
थोड़ा-थोड़ा खुश रह लो यार,
सम्मान जीवन का जी लो लाल ।

जलते क्यों हो जल से जीते हो,
फूक मार कर खुद ही पीते हो,
प्रेम की तो राख लगा लो ,
मरने के बाद भी जीते हैं यार ।

तेरी नैया पलट चुकी है ,
मन-ही-मन में सिमट रही है ,
डूबने को है ये मझदार ,
निकट खड़ा हूंँ पूछो ना यार ।

भूल जाओ सब कल की बातें ,
सब एक-दूजे के दुःख-सुख बाँटे,
ढूंँढ़ रहे हैं सब उनको ही यार ,
प्रत्यक्ष विराजे ह्रदय तो माने ।

रचनाकार-
✍🏼
# बुद्ध प्रकाश ;
मौदहा हमीरपुर (उ०प्र०)।

Language: Hindi
2 Likes · 337 Views
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