Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2020 · 1 min read

अंधेरों का दौर है

**अंधेरों का दौर**
***************

अंधेरों का दौर है
उजालों की ओर है

नभ में नभचर उड़ते
द्विज झुंड का शोर है

बादल हैं गरज रहे
बरसात का शोर है

अंधेरा है छंट रहा
उजालों का जोर है

दुखों का साया हटा
मस्तियों का ठौर है

दोस्त है दुश्मन सा
दुश्मनी का घोर है

अपनों ने मुंह मोड़ा
बेगानों की झोर है

यह प्रेम का हसर है
हुए दिल के चोर हैं

विश्वास तो रहा नही
आकारिक बतौर है

आचरण दूषित हुए
चरित्र पतन दौर है

सुखविंद्र चितचोर है
प्रेम यहाँ सिरमोर है
****************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" धरती का क्रोध "
Saransh Singh 'Priyam'
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
अल्फाज (कविता)
अल्फाज (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
3455🌷 *पूर्णिका* 🌷
3455🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
gurudeenverma198
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
बदला मौसम मान
बदला मौसम मान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिंदगी
जिंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दोहा पंचक. . . . . गर्मी
दोहा पंचक. . . . . गर्मी
sushil sarna
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
यूं उन लोगों ने न जाने क्या क्या कहानी बनाई,
यूं उन लोगों ने न जाने क्या क्या कहानी बनाई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
Storm
Storm
Bindesh kumar jha
Ak raat mei  ak raaz  hai
Ak raat mei ak raaz hai
Aisha mohan
"नवांकुरो की पुकार "
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
शे
शे
*प्रणय*
कविता
कविता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
Keshav kishor Kumar
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
पं अंजू पांडेय अश्रु
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
रागी के दोहे
रागी के दोहे
राधेश्याम "रागी"
मुझे किसी की भी जागीर नहीं चाहिए।
मुझे किसी की भी जागीर नहीं चाहिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
Loading...