अंतिम पायदान का व्यक्ति
अंतिम पायदान का व्यक्ति
वो है
अंतिम पायदान पर
धकेला गया व्यक्ति
उसके द्वार पर
होती है दस्तक
धर्माचार्यों की
इस आग्रह के साथ
धर्म है असुरक्षित
करो शामिल
अपने नवयुवकों को
धर्म की लड़ाई में
कभी होती है दस्तक
सफेदपोशों की
इस आग्रह के साथ
देश और उसकी सीमाएं
हैं असुरक्षित
देकर उसको वोट
करो देश मजबूत
कभी होती है दस्तक
तथाकथित स्वदेशीवादियों की
इस आग्रह के साथ
देश और उसकी अर्थव्यवस्था
है असुरक्षित
स्वदेशी अपनाओ
अर्थव्यवस्था मजबूत करो
जबकि वह स्वयं
है असुरक्षित
उसकी चिंता
नहीं करता कोई
-विनोद सिल्ला©