अंतर कृष्ण और कृष्णा में
कृष्णा द्रौपदी को कहते हैं
कृष्ण कहते मेरे गिरधारी को
रूह से मुहब्बत सीखा जिन्होंने
तार दी बृजमण्डल की नारी को
मोहब्बत है पावन सिखाया जिसने
कहते हैं श्रीकृष्ण उस गिरधारी को
जिस्म का मोल नहीं है जग में
दिया उपदेश जिसने अर्जुन धनुर्धारी को
सभा में बचाकर लाज द्रौपदी की
जिसने बल से थका दिया व्यभिचारी को
कर जोड़ करे विनती पंडित
नहीं भूलो रासबिहारी को
थे नर रूपी नारी बन आए
है प्रणाम मेरा उस रूप मनिहारी को
✍?पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
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