Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2022 · 1 min read

अंगारों के पथ पर चलकर

अंगारों के पथ पर
चलकर मिले
फूलों के गांव मुझे
अंगारों ने जी भर कर जलाया तो फिर
फूलों ने अपना आंचल खोल
एक मां के सच्चे अप्रतिबंधित प्रेम सा ही
भरपूर प्यार लुटाया
भरा मैं तब भी था
भरा मैं अब भी हूं
पहले दुत्कार से लेकिन अब सिर्फ प्यार से।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
बहुत समय हो गया, मैं कल आया,
बहुत समय हो गया, मैं कल आया,
पूर्वार्थ
वासियत जली थी
वासियत जली थी
भरत कुमार सोलंकी
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फूल
फूल
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
Shashi kala vyas
"बड़ा आदमी"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
मैं हूँ के मैं अब खुद अपने ही दस्तरस में नहीं हूँ
'अशांत' शेखर
★देव गुरु★
★देव गुरु★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
विभाजन की विभीषिका
विभाजन की विभीषिका
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
*प्रणय*
फूल चेहरों की ...
फूल चेहरों की ...
Nazir Nazar
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*चुप रहने की आदत है*
*चुप रहने की आदत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हे देश मेरे
हे देश मेरे
Satish Srijan
आसमां में चाँद...
आसमां में चाँद...
पंकज परिंदा
राष्ट्रभाषा बने हिंदी
राष्ट्रभाषा बने हिंदी
Mamta Rani
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
होना जरूरी होता है हर रिश्ते में विश्वास का
Mangilal 713
नफ़रत
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
Loading...