¢¢ अधिकार……!!!
हां हां ये विश्वासघात है
मानवता का क्रूरतापूर्वक आघात है….
भले हो साधु संतों का देश ये !
लेकिन गुनाहों का यहां भरमार है…..
हां हां ये विश्वासघात है
मानवता का क्रूरतापूर्वक आघात है….
फूलों का सुगंध भी खूब है,
लेकिन कांटो का चुभन भी खूब है….
यहां मारे जाते है मांओं को,
भ्रूण हत्या का यहां पाप है…..
भले हो साधु संतों का देश ये,
लेकिन गुनाहों का यहां भरमार है……2
(बिमल रजक)