Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2022 · 1 min read

✍️चीते की रफ़्तार

जहाँपनाह क्या अब विकास
भी चीते की रफ़्तार सा होगा

अभी तक आपने महंगाई के
रफ्तार की चिता जलाई नहीं
…………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
17/09/2022

4 Likes · 6 Comments · 70 Views
You may also like:
शायर जानता है
शायर जानता है
Nanki Patre
कान में रुई डाले
कान में रुई डाले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Happy Holi
Happy Holi
अनिल अहिरवार"अबीर"
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
प्यारे गुलनार लाये है
प्यारे गुलनार लाये है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिंदी शायरी संग्रह
हिंदी शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
खाना खाया या नहीं ये सवाल नहीं पूछता,
खाना खाया या नहीं ये सवाल नहीं पूछता,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
What I wished for is CRISPY king
What I wished for is CRISPY king
Ankita Patel
मां बाप
मां बाप
Sushil chauhan
संत एकनाथ महाराज
संत एकनाथ महाराज
Pravesh Shinde
मेरी निंदिया तेरे सपने ...
मेरी निंदिया तेरे सपने ...
Pakhi Jain
भूल जाना आसान नहीं
भूल जाना आसान नहीं
Surinder blackpen
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
बहेलिया(मैथिली काव्य)
बहेलिया(मैथिली काव्य)
मनोज कर्ण
Rap song (1)
Rap song (1)
Nishant prakhar
सपनों को अपनी सांसों में रखो
सपनों को अपनी सांसों में रखो
Ankit Halke jha
💓यह सफ़र इश्क का अब रूकेगा नहीं💓
💓यह सफ़र इश्क का अब रूकेगा नहीं💓
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ शाश्वत विचार
■ शाश्वत विचार
*Author प्रणय प्रभात*
दास्तां-ए-दर्द
दास्तां-ए-दर्द
Seema 'Tu hai na'
बिंत-ए-हव्वा के नाम
बिंत-ए-हव्वा के नाम
Shekhar Chandra Mitra
वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही
वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही
'अशांत' शेखर
एक पत्रकार ( #हिन्दी_कविता)
एक पत्रकार ( #हिन्दी_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेरा नूर
तेरा नूर
Dr.S.P. Gautam
एहसास-ए-हक़ीक़त
एहसास-ए-हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
जहाँ से आये हो
जहाँ से आये हो
Dr fauzia Naseem shad
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Tahrir kar rhe mere in choto ko ,
Sakshi Tripathi
नवाब तो छा गया ...
नवाब तो छा गया ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
मानव मूल्य
मानव मूल्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*फागुन महीने का मधुर, उपहार है होली (मुक्तक)*
*फागुन महीने का मधुर, उपहार है होली (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...