वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Started day with the voice of nature
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
*राम-सिया के शुभ विवाह को, सौ-सौ बार प्रणाम है (गीत)*
60 के सोने में 200 के टलहे की मिलावट का गड़बड़झाला / MUSAFIR BAITHA
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
सत्य का सामना करना आ गया।
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।