Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2017 · 5 min read

हम सबकी जिम्मेदारी है

जरा समझिए:
प्रतिभाशीलता शब्द एक विशेषण है, जिसका तात्पर्य है कि एक ऐसा व्यक्ति जो विशेष रूप से असाधारण योग्यता या बुद्धि से सम्पन्न हो. प्रतिभाशाली व्यक्तियों पर अध्ययन लेविस तरमन के सन् 1925 के कार्य से प्रारम्भ हुआ, जिसमें उन्होने उच्च योग्यता वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिए बुद्धि परीक्षण का प्रारूप तैयार किया.
गर हम आसान भाषा में समझें तो प्रतिभाशाली बालक यानी ऐसे बालक, जो जन्म से ही अपनी प्रखर बुद्धि के कारण अपनी अलग पहचान रखते हैं. अक्सर ऐसा कई बार होता है कि वो अपनी प्रतिभा के बल पर किसी भी कार्य को आसानी से अंजाम देकर सबको आश्चर्य चकित कर देते हैं. इनके अन्दर किसी क्षेत्र विशेष के लिए सीखने, समझने और करने की निपुणता अद्वितीय होती है.
वहीं पिछड़े बालक ऐसे बालक होते हैं जो अपनी उम्र के अन्य बालकों के साथ सामान्य गति से विकास नहीं कर पाते हैं. ऐसे बालक सीखना तो चाहते हैं मगर उनके सीखनें की गति अन्य बालकों की तुलना में कम होती है.
इस सम्बंध में कुछ विद्वानों के मत निम्न हैं-
1- सिरिक वर्ट के अनुसार : पिछड़ा बालक वह है, जिसकी शैक्षणिक लब्धता (educational quotient) 85 से कम हो और अपनें विद्यालयी जीवन के मध्य में अर्थात् 10/12 वर्ष की उम्र में अपनी कक्षा से नीचे का कार्य न कर सके, जो उसकी आयु के लिए समान्य कार्य हो.
2- शौनेल के अनुसार : वह पिछड़ा बालक है जो अपनी आयु के अन्य विद्यार्थियों की तुलना में अत्यधिक शैक्षणिक दुर्बलता को प्रदर्शित करे.
3- टी के एस मेनन : पिछड़ा बालक वह है जो अपनी कक्षा की औसत आयु से एक से अधिक वर्ष बड़ा हो.

तुलनात्मक अध्ययन:
प्रतिभाशाली बालकों की विशेषताएँ-
प्रतिभाशाली बालक बाल्यकाल से ही अच्छी स्मृति, नएपन के प्रति अभिरूचि, संवेदना के प्रति अतिक्रियाशीलता एवं कम उम्र में ही निपुणतः भाषा के प्रयोग जैसी कई अन्य विशेषताएँ रखतें हैं:-
1- उच्चस्तरीय चिंतन, समस्या समाधान तथा निर्णय क्षमता.
2- समस्या का सूझपूर्ण समाधान.
3- उच्च आत्म क्षमता तथा आंतरिक नियंत्रण.
4- नई समस्याओं के प्रति पहले से विद्यमान कौशल का उपयोग करना.
5- किसी क्षेत्र विशेष में ज्यादा प्रतिभा रखना और दूसरे में कम प्रतिभावान रहना.
प्रतिभाशाली बालकों की समस्याएँ:-
प्रतिभाशाली बालकों को अपने शैक्षिक, सामाजिक समायोजन में अन्य बालकों की अपेक्षा अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे-
1- विद्यालय में समायोजन की समस्या.
2- सामाजिक समायोजन की समस्या.
3- घरेलू समायोजन की समस्या.
4- कुछ क्षेत्रों में धीमी प्रगति.
5- सामूहिक समायोजन की समस्या.
पिछड़े बालकों की विशेषताएँ:-
1- इनमें सीखनें, समझनें की गति धीमी होती है और सीखकर जल्दी भूल जाते हैं.
2- मानसिक आयु अपने समकक्ष छात्रों से कम होती है.
3- शैक्षिक उपलब्धि सामान्य या औसत से कम होती है.
4- प्राय: मौलिकता का अभाव रहता है.
5- व्यवहार असमायोजित रहता है, वह समाज से पृथक बना रहना चाहता है.
पिछड़े बालकों की समस्याएँ:-
1- पिछड़े बालक शारीरिक दृष्टि से समान्य बालकों जैसा ही लगते हैं, अत: अभिभावक एवं अध्यापक समान्य बालकों जैसी उनसे भी उम्मीद रखतें हैं.
2- जब वे उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते तो उन्हे उन्हें ड़ाँट, फटकार भी सहनी पड़ती है, जिससे उनके मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है.
3- सहपाठी कक्षा में मजाक उड़ाते हैं जिससे बालकों में संवेगात्मक एवं व्यवहार सम्बंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं.
4- ऐसे बालक अधिक चिंतित एवं तनावग्रस्त होते हैं, वे सही गलत को आसानी से नहीं समझ पातें हैं.
5- इनकी मूल आवश्यकताएँ जैसे प्यार, सामाजिक स्वीकृति,पहचान आदि पूरी नहीं हो पाती, जो इनके सीखने, समझनें की प्रेरणा को बहुत कम कर देती है.

समस्या की जड़ –
अमेरिका की फोर्ड़ फाउन्ड़ेशन द्वारा सहायता प्राप्त एक अनुसंधान से पता चला है कि बहुत से बालक ऐसे होतें हैं जो समान्य शिक्षा अवधि से कम ही अपनी स्कूली तथा कालेज शिक्षा को समाप्त करके समाज को अपना प्रभावशाली योगदान देने योग्य बना सकतें हैं. ऐसे प्रखर बुद्धि के बालकों की संख्या उतनी ही होती है जितनी मंद बुद्धि के बालकों की. ये स्कूली जनसंख्या का लगभग 1% होते हैं. परन्तु अधिकांश स्कूलों में इनकी ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है क्योंकि इन्ही प्रतिभाशाली बालकों में आगे चलकर मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व की आशा की जाती है. परन्तु प्रतिभाशाली बालक समान्यत: इन विशेष सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. कई बार मध्यम स्तर के परिवारों में इनकी विलक्षणताओं को किसी सृजनात्मक व मौलिक रूप में प्रकट या प्रयुक्त करनें का अवसर ही नहीं मिल पाता है, फलस्वरूप ये समाज व विद्यालयों में कुसमायोजन की समस्या को जन्म तो देतें है और साथ ही साथ उनकी प्रतिभा भी व्यर्थ चली जाती है.
वहीं दूसरी ओर शिक्षा मनोवैज्ञानिक का यह भी मानना है कि पिछड़े बालक को कई बार पारिवारिक सामाजिक वातावरण और विद्यालयी वातावरण उस तरह नहीं मिल पाता जिस तरह उनकों मिलना चाहिए. सही समय पर उनके मानसिकता को न समझ पानें से माँ बाप भी उसके आवश्यकता के मुताबिक मार्गदर्शन नहीं दे पातें हैं.

आसान सा समाधान :
सामाजिक सांस्कृतिक परिस्थितियों का बालक के विकास पर सक्रिय एवं महत्वपूर्ण प्रभाव होता है. बालक अपने सामाजिक और सांस्कृतिक गुणों के आधार पर ही एक बेहतर नागरिक बनता है. परिस्थितियाँ ही बालकों को बहुमुखी विकास एवं वैयक्तिक उन्नति के अवसर प्रदान करती हैं. निर्देशित लक्ष्यों को प्राप्त करनें में भी सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश की अहम भूमिका होती है.
विकास व्यक्ति की अनुवांसिक क्षमताओं एवं वातावरण के मध्य होनें वाली आंतरिक क्रिया का परिणाम होता है. बालक की अनुवांसिक क्षमताओं का विकास वातावरण से ही होता है. इसके अतिरिक्त स्वयं वातावरण भी बालक के विकास की दिशा, दशा और गति निर्धारित करनें में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
हम सबके लिए विशेष आवश्यक यह है कि अपने अपने दायित्वों का अपना पराया छोड़कर “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना से ओत प्रोत होकर निष्ठा पूर्वक निर्वहन करें. प्रतिभाशाली बालकों का सही समय पर पहचान करके उनकी रूचि के मुताबिक अनुकूल वातावरण प्रदान करें और उनकों मार्गदर्शन के साथ साथ यथा सम्भव सहयोग प्रदान करें. तभी प्रतिभाशाली बालकों के प्रतिभा का लाभ परिवार, समाज व राष्ट्र को मिल पाएगा. वहीं दूसरी ओर प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व यह भी है कि पिछड़े बालकों का पहचान कर उसको अनुकूल सभ्यता, संस्कार और आदर्श शिक्षा प्रदान करें और प्रतिपल पिछड़े बालकों को बेहतर बनाने की कोशिश करें. जब तक प्रतिभाशाली और पिछड़े बालकों का एकसाथ विकास नहीं होगा, तब तक विकास की गति समग्रता की ओर नही बढ़ पाएगी. यह बिल्कुल सत्य है कि बालक किसी का भी हो, परन्तु उसके अच्छे बुरे कार्यों का प्रभाव हम सब पर अप्रत्यक्ष रूप से जरूर पड़ता है. इसलिए हम सबका यह परम दायित्व है कि प्रतिभाशाली एवं पिछड़े बालकों को अच्छा संस्कार, अच्छी शिक्षा एवं हर सम्भव मदद् करें ताकि वे एक बेहतर नागरिक बनकर राष्ट्र की तरक्की करे और गौरव का परचम लहराएँ.

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
2933.*पूर्णिका*
2933.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
Sahil Ahmad
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
Anand Kumar
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
मंहगाई  को वश में जो शासक
मंहगाई को वश में जो शासक
DrLakshman Jha Parimal
बरसात आने से पहले
बरसात आने से पहले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
All your thoughts and
All your thoughts and
Dhriti Mishra
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
Vivek Sharma Visha
चुप्पी
चुप्पी
डी. के. निवातिया
वो हक़ीक़त में मौहब्बत का हुनर रखते हैं।
वो हक़ीक़त में मौहब्बत का हुनर रखते हैं।
Phool gufran
"बहुत है"
Dr. Kishan tandon kranti
रोना ना तुम।
रोना ना तुम।
Taj Mohammad
मुकेश का दीवाने
मुकेश का दीवाने
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
पूर्वार्थ
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
Rj Anand Prajapati
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
दोहे
दोहे
गुमनाम 'बाबा'
दिल से जाना
दिल से जाना
Sangeeta Beniwal
मोम की गुड़िया
मोम की गुड़िया
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
#क़तआ
#क़तआ
*प्रणय प्रभात*
योग
योग
जगदीश शर्मा सहज
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक  के प्यार में
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक के प्यार में
Manoj Mahato
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
जयंती विशेष : अंबेडकर जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हो जाएँ नसीब बाहें
हो जाएँ नसीब बाहें
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...