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7 Mar 2017 · 1 min read

स्वच्छ करे गंगा जल को

$$ स्वच्छ करे गंगा जल को $$

रुखे बैठे जो भी यहा पर
कलीयो से सजा दे हर दिल को ।
उङा दो सब भँवरो को चमन से
खुशबू से महकादे महफिल को।

रिस्ता बन जाये दिल से दिल का ,
आओ यह अभियान करे।
स्वच्छ रिस्ता तब ही बन पाये,
जब स्वच्छ करे गंगा जल को ।‌।

वातावरण की शुद्ध वायु से
शक्ति का संचार करे।
जहा बढा दे कदम हमारा,
कोई तूफान ना तोङ सके बल को।।

आओ हम सब मिलकर
प्रेम भाव का नारा दे।
हिम्मत बन जाये एक दूजे की
जिससे असूर न पैदा हो कल को।।

जनता की इस भीङ से किसने
आवाज सुनी किसकी ,
करे बुलंद रस स्वर को अपने
इतिहास बना दे एक – एक पल को।।

ऐलान किया तुझसे लङने का
अब क्या पीछे कदम हटे,
या उतारदे खंजर सीने मे
या लौटाले अपने दल को।।

राजेन्द्र कुशवाहा

Language: Hindi
Tag: कविता
333 Views
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