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5 Feb 2017 · 1 min read

साहब बीमार हैं

अक्सर,
पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान
और लोकप्रियता के वायरस
साहब को बीमार कर देते हैं।
साब ! प्लीज मिल लें,
का सदवाक्य सुनते-सुनते
आम आदमी से
साहब कतराने लगे हैं,
और मंत्री जी के टेलीफोन का कैपशूल
साहब को केर देता है चंगा
आम आदमी का साब!
अब हो गया है बहुरंगा ।
साहब के बहुरंगेपन ने
आम आदमी को,
बीमार कर दिया है
और साहब
बीमार आम आदमी के लिए
बीमार है ।

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 239 Views

Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय

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