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26 Feb 2017 · 1 min read

सहजता बोलेगी कि, सज्जन सु चेतन कूक हैं

प्रेम उनके निकट पर वह तो तनी बंदूक हैं |
इसलिए ही आज तक बजता हुआ संदूक हैं |
नेक जन बनकर, स्वयं निज को, अहं से मुक्त कर|
सहजता बोलेगी कि ,सज्जन सुचेतन कूक हैं |

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
426 Views

Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak

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