Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2022 · 1 min read

सर्द चांदनी रात

इस सर्द चांदनी रात में
कोई नहीं है मेरे पास में ।
जिसको मैं कुछ भी कह सकूं
अपने मन की हर बात कह सकूं ।
बता सकूं जिसे कि मैं सोचता बहुत हूं
बता सकूं जिसे कि मैं बोलता बहुत हूं।
बता सकूं जिसे अपनी सारी कहानियां
बता सकूं जिसे अपनी सारी परेशानियां।
पर सच तो यह है कि
इस सर्द चांदनी रात में
कोई नहीं है मेरे पास में ।

– श्रीयांश गुप्ता

3 Likes · 130 Views
You may also like:
आत्महीनता एक अभिशाप
आत्महीनता एक अभिशाप
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
उम्मीदों का उगता सूरज बादलों में मौन खड़ा है |
उम्मीदों का उगता सूरज बादलों में मौन खड़ा है |
कवि दीपक बवेजा
धूर अहा बरद छी (मैथिली व्यङ्ग्य कविता)
धूर अहा बरद छी (मैथिली व्यङ्ग्य कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अपना घर
अपना घर
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
Dr fauzia Naseem shad
जब भी ज़िक्र आया तेरा फंसानें में।
जब भी ज़िक्र आया तेरा फंसानें में।
Taj Mohammad
पथिक मैं तेरे पीछे आता...
पथिक मैं तेरे पीछे आता...
मनोज कर्ण
देख रहे हो न विनोद
देख रहे हो न विनोद
Shekhar Chandra Mitra
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
श्रृंगारिक दोहे
श्रृंगारिक दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
■ लघुकथा / बस दो शब्द
■ लघुकथा / बस दो शब्द
*Author प्रणय प्रभात*
अल्फ़ाज
अल्फ़ाज
निकेश कुमार ठाकुर
मुक्तक व दोहा
मुक्तक व दोहा
अरविन्द व्यास
*🔱नित्य हूँ निरन्तर हूँ...*
*🔱नित्य हूँ निरन्तर हूँ...*
Dr Manju Saini
चौपई छंद ( जयकरी / जयकारी छंद और विधाएँ
चौपई छंद ( जयकरी / जयकारी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
Deepesh सहल
रविवार को छुट्टी भाई (समय सारिणी)
रविवार को छुट्टी भाई (समय सारिणी)
Jatashankar Prajapati
244.
244. "प्यारी बातें"
MSW Sunil SainiCENA
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
'अशांत' शेखर
उन्हें नहीं मालूम
उन्हें नहीं मालूम
Brijpal Singh
बाल कहानी- चतुर और स्वार्थी लोमड़ी
बाल कहानी- चतुर और स्वार्थी लोमड़ी
SHAMA PARVEEN
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
स्वयं में एक संस्था थे श्री ओमकार शरण ओम
Ravi Prakash
हम नये वर्ष में यह प्रण करें
हम नये वर्ष में यह प्रण करें
gurudeenverma198
"चरित्र-दर्शन"
Dr. Kishan tandon kranti
Feel of love
Feel of love
Shutisha Rajput
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Ankita Patel
💐अज्ञात के प्रति-23💐
💐अज्ञात के प्रति-23💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हाइकु कविता
हाइकु कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...