Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2016 · 1 min read

समय ने कहाँ // कविता

इंसान ने समय से पूछा,
कब ठहरोगे तुम ?
समय ने कहाँ !
मैं अनंत हूँ,
मैं परिवर्तनशील हूँ,
अतीत से कल की ओर
प्रवाहमान हूँ ?
समय ने इंसान से कहाँ
बंधु मेरे साथ चल
ना मेल होंगे दोबारा
मेरी रफ्तार से चल !
खामोशी से समय ने कहाँ
तू नहीं बड़ा इस संसार में
समय की प्रकृति समझ
तू इंतज़ार में
किसके लिए खड़ा है ?
हार के बैठा है
किस कारण से
तुम्हें मालूम हैं न
समय परिवर्तनशील, प्रवाहमान हैं ???

दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”

Language: Hindi
Tag: कविता
278 Views

Books from Dushyant kumar Patel

You may also like:
मुझे प्रीत है वतन से, मेरी जान है तिरंगा
मुझे प्रीत है वतन से, मेरी जान है तिरंगा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन के पार
मन के पार
Dr Rajiv
“ अपने प्रशंसकों और अनुयायियों को सम्मान दें
“ अपने प्रशंसकों और अनुयायियों को सम्मान दें"
DrLakshman Jha Parimal
खिड़की पर किसने बांधा है तोहफा
खिड़की पर किसने बांधा है तोहफा
Surinder blackpen
Writing Challenge- बुद्धिमत्ता (Intelligence)
Writing Challenge- बुद्धिमत्ता (Intelligence)
Sahityapedia
त'अम्मुल(पशोपेश)
त'अम्मुल(पशोपेश)
Shyam Sundar Subramanian
खफा है जिन्दगी
खफा है जिन्दगी
Anamika Singh
शीत ऋतु
शीत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
झरना
झरना
Satish Srijan
"कहाँ नहीं है राख?"
Dr. Kishan tandon kranti
दृढ़ संकल्पी
दृढ़ संकल्पी
डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
💐Prodigy Love-46💐
💐Prodigy Love-46💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उजड़ी हुई बगिया
उजड़ी हुई बगिया
Shekhar Chandra Mitra
मैं फिर आऊँगा
मैं फिर आऊँगा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मजदूर भाग -दो
मजदूर भाग -दो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सरस्वती आरती
सरस्वती आरती
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आधुनिकता के इस दौर में संस्कृति से समझौता क्यों
आधुनिकता के इस दौर में संस्कृति से समझौता क्यों
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
Right way
Right way
Dr.sima
अजूबा (बाल कविता)
अजूबा (बाल कविता)
Ravi Prakash
मेरी आंखों में
मेरी आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
गेंदबाज़ी को
गेंदबाज़ी को
*Author प्रणय प्रभात*
जो तुझे अच्छा लगे।
जो तुझे अच्छा लगे।
Taj Mohammad
मोहब्बत मेरी थी
मोहब्बत मेरी थी
जय लगन कुमार हैप्पी
बोझ
बोझ
सोनम राय
सार छंद / छन्न पकैया गीत
सार छंद / छन्न पकैया गीत
Subhash Singhai
Loading...