वोटों की फसल
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निकट चुनाव आ गए,फसल खड़ी तैयार।
कुशल चैतुए आ गए,ले ले कर औजार।।
ले ले कर औजार,जाल वादों के
साम दाम और दण्ड भेद की, पूरी जुगत लगा के
फंस मत जाना वोटर जी, प्रलोभनों में आके
सोच समझ मतदान को भैया, रहना सब तैयार।
आती नहीं कभी वे मौसम, भैया कभी वहार।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी