Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

लेंगे लेंगे अधिकार हमारे

जंगल अपना, ज़मीन अपनी
पर न कोई कागज़, न ही टपरी
सरकार बदली, क़ायदा बदला
आदिवासी का हक़ भी बदला

तुम्हारी ये नव नियम कुंडली
हमसे क्यूँ ये ज़मीं छीन ली?

अरे! तीन पुश्तों की बात करते हो
सदियों पुरानी कब्र दबा ली
ये कैसी सरकार हमारी?
अधिकार दिया पर ज़ुबां छीन ली

ग्राम सभा कहे हम मूल निवासी
फिर कहे न माने अधिकारी
प्रशासन ने आँख मूँद ली
वनाधिकारी यूँ करे राजसी

आधुनिक कहलाने वालों
अब तो मन का वहम् निकालो
आँखों के पट खोल के देखो
ये बची हुयी थोड़ी हरियाली
जंगल है तो जीवन भैया
नहीं तो कलपुर्जों की काली
पावन नीर बयार यहाँ है
तेरे शहर तो गन्दी नाली

गौरे गए अब भूरे आये
प्रकृति विरोधी सब ये शासी
ये भेद भाव का चाल चलन क्यूँ
सब जानत है चाल तुम्हारी
जंगल के रखवाले को क्यूँ
चोर बनावे माया पुजारी

अब जानेंगे हक़ हम सारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे

जंगल ज़मीं है अनमोल जान ले
विकास नाम पर चोर लुटेरे
क्यूँ आते जाते पुलिस ये तेरे
हमरे घर यूँ धौंस ज़माते

बोलेंगे हम मुंह खोलेंगे अब
क्यूँ तोड़े यूँ छप्पर जब तब

जनतंत्र का मक़सद क्या है?
थानेदार का डाँग बजाना
या नेताजी का दारु बांटना
या पानी में ज़हर मिलाना
या फिर जनता को धमकाना?

बिन पट्टे की टपरी तोड़ी
बिन कागज़, मनुज पत्थर की ढेरी

बरसों से हम ये ज़मीन जोतते
फिर भी हम क्यूँ बिन घर के?

अब जाने हैं हक़ हम सारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे!!

©️ रचना ‘मोहिनी’

1 Like · 47 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कर्म से कर्म परिभाषित
कर्म से कर्म परिभाषित
Neerja Sharma
वक्त
वक्त
Ramswaroop Dinkar
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
surenderpal vaidya
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
3500.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3500.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
"'मोम" वालों के
*प्रणय प्रभात*
माया
माया
Sanjay ' शून्य'
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसान
किसान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*मिठाई का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
*मिठाई का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
संग चले जीवन की राह पर हम
संग चले जीवन की राह पर हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना  महत्व  ह
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
Satya Prakash Sharma
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
प्यार के मायने बदल गयें हैं
प्यार के मायने बदल गयें हैं
SHAMA PARVEEN
था जब सच्चा मीडिया,
था जब सच्चा मीडिया,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
Paras Nath Jha
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
वोटर की पॉलिटिक्स
वोटर की पॉलिटिक्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
शिव प्रताप लोधी
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
प्रेमदास वसु सुरेखा
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...