Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2017 · 1 min read

ये बेटियाँ हमारी

“ये बेटियाँ हमारी”

(22 12122 22 12122 बह्र की रचना)

ममता की जो है मूरत, समता की जो है सूरत।
वरदान है धरा पर, ये बेटियाँ हमारी।
मा बाप को रिझाके, ससुराल को सजाये।
दो दो घरों को जोड़े, ये बेटियाँ दुलारी।।

जो त्याग और तप की, प्रतिमूर्ति बन के सोहे।
निस्वार्थ प्रेम रस से, हृदयों को सींच मोहे।
परिवार के, मनों के, रिश्ते बनाये रखने।
वात्सल्य और करुणा, की खोल दे पिटारी।।

ख़ुशियाँ सदा खिलाती, दुख दर्द की दवा बन।
मन को रखे प्रफुल्लित, ठंडक जो दे हवा बन।
घर एकता में बाँधे, रिश्तों के साथ चल कर।
ममतामयी है बेटी, ये छाप है तिहारी।।

साबित किया है तुमने, हर क्षेत्र में तु आगे।
सम्मान हो या साहस, बेटों से दूर भागे।
लेती छलांग नभ से, खंगालती हो सागर।
तुम पर्वतों पे चढ़ती, अब ना रही बिचारी।।

सन्तान के, पिया के, सब कष्ट खुश हो लेती।
कन्धा मिला के चलती, पग पग में साथ देती।
जो एकबार थामा, वो हाथ छोड़ती ना।
तुमको नमन है बेटी, हर घर को तुम निखारी।।

1 Like · 275 Views

Books from बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

You may also like:
इतनें रंगो के लोग हो गये के
इतनें रंगो के लोग हो गये के
Sonu sugandh
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ये ज़िंदगी क्या सँवर रही….
ये ज़िंदगी क्या सँवर रही….
Rekha Drolia
बहुत ही महंगा है ये शौक ज़िंदगी के लिए।
बहुत ही महंगा है ये शौक ज़िंदगी के लिए।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाल कहानी- डर
बाल कहानी- डर
SHAMA PARVEEN
#चाकलेटडे
#चाकलेटडे
सत्य कुमार प्रेमी
■ राजनैतिक समीक्षा
■ राजनैतिक समीक्षा
*Author प्रणय प्रभात*
कहानी
कहानी
Pakhi Jain
रावण, परशुराम और सीता स्वयंवर
रावण, परशुराम और सीता स्वयंवर
AJAY AMITABH SUMAN
✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब...
✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब...
'अशांत' शेखर
कौन हिसाब रखे
कौन हिसाब रखे
Surinder blackpen
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
बुद्धत्व से बुद्ध है ।
बुद्धत्व से बुद्ध है ।
Buddha Prakash
दो शरारती गुड़िया
दो शरारती गुड़िया
Prabhudayal Raniwal
💐अज्ञात के प्रति-11💐
💐अज्ञात के प्रति-11💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जरूरी कहां कुल का दिया कुल को रोशन करें
जरूरी कहां कुल का दिया कुल को रोशन करें
कवि दीपक बवेजा
कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन बेहतर बनाए
जीवन बेहतर बनाए
Vijay kannauje
शिकायत लबों पर
शिकायत लबों पर
Dr fauzia Naseem shad
समय के उजालो...
समय के उजालो...
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
राष्ट्रीय एकता दिवस
राष्ट्रीय एकता दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरे प्यारे पहाड़ 🏔️
मेरे प्यारे पहाड़ 🏔️
Skanda Joshi
बारिश
बारिश
मनोज कर्ण
कठपुतली का खेल
कठपुतली का खेल
Satish Srijan
क्रांति के अग्रदूत
क्रांति के अग्रदूत
Shekhar Chandra Mitra
गजल
गजल
Vijay kumar Pandey
"अमृत और विष"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...