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9 Jan 2023 · 1 min read

दूर….

जब दुःख ने मजबूर किया
दिल से तुझको दूर किया

पागल होकर रोया मैं
जान तुझे क्यों दूर किया

हैरां होकर सोचूँ मैं
यार तुझे क्यों दूर किया

अपना लेता काश तुझे
जीवन से क्यों दूर किया

क़िस्मत के खेल निराले
हाय! तुझे क्यों दूर किया

***

2 Likes · 2 Comments · 75 Views

Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

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