Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2017 · 1 min read

मैं नेता हूँ

मेरी एक रचना मौजूदा चुनावों एंव मौजूदा नेताओं को सोचते हुए

आपका भी बिचार चाहूंगा

मैं नेता हूं जातिवाद का पाठ सिखाने आया हूँ |
मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे काे आंख दिखाने आया हूँ ||
जातिवाद का नीव उठाकर तुम्हें अलग कर जायेंगे |
तुम्हें लडाकर नेता बन के हम अमीर बन जाएंगे||
हम नेता हैं तुम्हें लडाकर बैठ तमासा देखेंगे
मेरे हार का हो सवाल तो शस्त्र धर्म का फेकेंगे
हम नेता हैं हम लोगों की अपनी अपनी चालें हैं
एक डाल कट जाये तो क्या यहां बहुत सी डाले हैं

अभिषेक पान्डेय उज्ज्वल

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 1017 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
GOVIND UIKEY
कवि होश में रहें
कवि होश में रहें
Dr MusafiR BaithA
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
यह लव स्टोरी में बहुत मजा है साला
यह लव स्टोरी में बहुत मजा है साला
Shivam Rajput
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
*कवि की शक्ति*
*कवि की शक्ति*
ABHA PANDEY
नकाब खुशी का
नकाब खुशी का
Namita Gupta
" प्रतीक्षा "
Dr. Kishan tandon kranti
49....Ramal musaddas mahzuuf
49....Ramal musaddas mahzuuf
sushil yadav
कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
Moin Ahmed Aazad
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मृत्यु हूँ ।
मृत्यु हूँ ।
Buddha Prakash
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
तो गलत कहाँ हूँ मैं ?
तो गलत कहाँ हूँ मैं ?
नेहा आज़ाद
समाज में परिवार की क्या भूमिका है?
समाज में परिवार की क्या भूमिका है?
Sudhir srivastava
इश्क करना
इश्क करना
Ranjeet kumar patre
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
- तुम अगर साथ देते तो हम आज नामचीन होते -
bharat gehlot
कविता कविता दिखती है
कविता कविता दिखती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
राम रावण युद्ध
राम रावण युद्ध
Kanchan verma
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Kumar Agarwal
#जयंती_व_स्मृति_दिवस
#जयंती_व_स्मृति_दिवस
*प्रणय*
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
जीवनसाथी  तुम ही  हो  मेरे, कोई  और -नहीं।
जीवनसाथी तुम ही हो मेरे, कोई और -नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3354.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
द्वन्द युद्ध
द्वन्द युद्ध
Chitra Bisht
अटल का सुशासन
अटल का सुशासन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
Loading...