“महत्वाकांक्षा”
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“महत्वाकांक्षा”
अक्सर बुरी होती नहीं
हू-ब-हू पूरी हो
यह भी तो जरूरी नहीं
सोचिए अगर कल्पना
पूर्ण सत्य हो तो क्या होगा?
शायद इससे बढ़कर
कोई दरिद्र जीवन न होगा।
“महत्वाकांक्षा”
अक्सर बुरी होती नहीं
हू-ब-हू पूरी हो
यह भी तो जरूरी नहीं
सोचिए अगर कल्पना
पूर्ण सत्य हो तो क्या होगा?
शायद इससे बढ़कर
कोई दरिद्र जीवन न होगा।