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22 Feb 2017 · 1 min read

बेटियाँ

बेटी तो बेटी होती है वो जग से प्यारी होती है
फिर कष्ट उसे क्यों देते हो वो जग से न्यारी होती है

करती है रक्षा जीवन की सपनो की प्यारी होती है
खुशियों को सदा लुटातीं है फूलों की क्यारी होती है

वह प्यार सभी से करती है बनकर डाली फूलों की
उपवन को भी महकाती हैं बनकर क्यारी फूलों की

फिर क्यू चरित्र पर उसके ही सब दाग लगाये जाते है
रक्षा तो करना दूर ही रहा, अपमान कराये जाते है

बेटी की रक्षा करना तो अधिकार हमारा बनता है
जब सभी करेंगे कोशिश तो फिर प्यार सभी का बढ़ता है

जीवन पथ में कुछ करने को, आगे ही आना पड़ता है
अपनों के खातिर तो ये सिर ,अपना ही झुकना पड़ता है।

—विवेक तिवारी हरदोई

Language: Hindi
Tag: कविता
351 Views
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