Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2022 · 1 min read

बगिया का गुलाब प्यारा…

बगिया का गुलाब प्यारा
खुशबू और सौंदर्य में न्यारा
ठंडी ठंडी बहती ब्यार
वातावरण सुखद दमदार
गर्मी और सर्दी में न्यारा
बगिया का गुलाब प्यारा
भौरों की गुंजन, चिड़ियों का चहचहाना
कलियों का यूहीं मुस्काना
सुबह-सुबह राहगीरों का आना
मन प्रसन्नता से भर जाना
कैसे भूले उन यादों के घरौंदे
जो है सुंदर और सौंधे-सौंधे
ज्वाहर को प्यारा था गुलाब
आनंद भवन लगे थे गुलाब
मानव प्रकृति से करता प्यार
याद आता है ‘ अंजुम’ प्यारा गुलाब

नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोहल्ला जाब्तागंज, नजीबाबाद, बिजनौर, यूपी
मोबाइल नंबर 9927140483

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 72 Views
You may also like:
खुले आँगन की खुशबू
खुले आँगन की खुशबू
Manisha Manjari
ठीक है अब मैं भी
ठीक है अब मैं भी
gurudeenverma198
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका
Ram Krishan Rastogi
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
दूसरी सुर्पनखा: राक्षसी अधोमुखी
दूसरी सुर्पनखा: राक्षसी अधोमुखी
AJAY AMITABH SUMAN
Writing Challenge- प्रकाश (Light)
Writing Challenge- प्रकाश (Light)
Sahityapedia
आस्तीक भाग-आठ
आस्तीक भाग-आठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समय को भी तलाश है ।
समय को भी तलाश है ।
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
मोहब्बत मेरी थी
मोहब्बत मेरी थी
जय लगन कुमार हैप्पी
बूत परस्ती से ही सीखा,
बूत परस्ती से ही सीखा,
Satish Srijan
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
गौरवमय पल....
गौरवमय पल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम चाहते हैं कि सबसे संवाद हो ,सबको करीब से हम जान सकें !
हम चाहते हैं कि सबसे संवाद हो ,सबको करीब से...
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-211💐
💐प्रेम कौतुक-211💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"ये लालच"
Dr. Kishan tandon kranti
■ विकृत परिदृश्य...
■ विकृत परिदृश्य...
*Author प्रणय प्रभात*
आत्मनिर्भरता का फार्मूला
आत्मनिर्भरता का फार्मूला
Shekhar Chandra Mitra
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
रात एक खिड़की है
रात एक खिड़की है
Surinder blackpen
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD KUMAR CHAUHAN
जीवन अनमोल है।
जीवन अनमोल है।
जगदीश लववंशी
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
कवित्त
कवित्त
Varun Singh Gautam
जब से देखी है हमने उसकी वीरान सी आंखें.......
जब से देखी है हमने उसकी वीरान सी आंखें.......
कवि दीपक बवेजा
దీపావళి జ్యోతులు
దీపావళి జ్యోతులు
विजय कुमार 'विजय'
सर्दी
सर्दी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Mukar jate ho , apne wade se
Mukar jate ho , apne wade se
Sakshi Tripathi
हमें हटानी है
हमें हटानी है
surenderpal vaidya
चश्में चरागा कर दिया।
चश्में चरागा कर दिया।
Taj Mohammad
*समंदर हो गया (हिंदी गजल/गीतिका)*
*समंदर हो गया (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
Loading...