बंदर मामा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/49ebe004c810bb536578c55b492cb6a2_1bcd74c6dce94f3fa528858630386f56_600.jpg)
बंदर मामा
बन्दर मामा पहन पाजामा
ठुमक-ठुमक कर नाचे मामा.
सिर हिलाते, कमर नचाते
गीत मगर गा नहीं पाते.
उछल-कूद कर नाच दिखाते
उधम मचाते खींशे निपोरते.
बंदरिया छेड़ते कभी न शर्माते
सबको हँसाते कभी न थकते.
बड़े नकलची बन्दर मामा
सबके मन को भाते बन्दर मामा.
—————-
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़