फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/9229e63b03974f6c89290ebbd004acb1_d2ad6050b04e3a5232ede5a3f194db79_600.jpg)
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
नैन लड़ा यूँ सजनी
फूल खिलें रजनीगंधा के,
रैन बिता यूँ सजनी
तेरे बिन ये जग सूना है,
छोड़ मुझे मत जाना
जान अभी दे दूँगा रोकर,
हरदम साथ निभाना
– महावीर उत्तरांचली