Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2022 · 1 min read

प्रथम मिलन

सखी बदरा घिर घिर आये
प्रथम मिलन की बेला लाये ना।।

रिम झिम वारिस भीगा बदन, जिया
घबराए,जाने घर हम कैसे जाए ,भागत आये सपनो के राज कुमार सखी बदरा घिर घिर आये जगा गए प्यार एहसास।।

बाबुल का घर भाये ,जीवन मे कहीं ना जाये, माँ की ममता बापू का प्यार,
भईया की अठखेली, स्वर्ग से
सुंदर अपना घर परिवार ,सखी बदरा
घिर घिर आये जगाये बैरी प्यार खुमार।।

सखी सावन की बदरा बरसात,
उनसे हुई क्या मुलाकात नव जीवन की आश जगाए ,भूख प्यास ना लागे
विरह जिया तड़पाये सखी बदरा घिर
घिर आये जगा गए प्रेम प्यासअगन कि आग।।

जाने क्या क्या ,आये खयाल, ना भावे बाबुल घर अंगना ,कैसे हो मुलाकात, सखी बदरा घिर घिरआये पिया की याद सतावे नीद नही आये दे गए कैसी व्याथि।।

बरस बीत गए दो चार बढ़ती रही
मुलाकात एक दिन छूटा बाबुल का साथ पिया घर आये सखी बदरा बदरा
घिर घिर आये प्यार बारिश का घर बार।।

सखी बदरा घिर घिर आये पिया
प्यार की सौगात मन हर्षाये
सेज सुहाग प्यार बदरा बरसात
पिया प्यार जीवन उपहार सखी
बदरा घिर घिर आये जीवन सुनाए
राग। ।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: कविता
35 Views
You may also like:
इतना सन्नाटा क्यों है,भाई?
इतना सन्नाटा क्यों है,भाई?
Shekhar Chandra Mitra
परख किसको है यहां
परख किसको है यहां
Seema 'Tu hai na'
"चंदा मामा, चंदा मामा"
राकेश चौरसिया
Tumhara Saath chaiye ? Zindagi Bhar
Tumhara Saath chaiye ? Zindagi Bhar
Chaurasia Kundan
★उसकी यादों का साया★
★उसकी यादों का साया★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
बारिश
बारिश
मनोज कर्ण
वह दे गई मेरे हिस्से
वह दे गई मेरे हिस्से
श्याम सिंह बिष्ट
शीर्षक:
शीर्षक: "मैं तेरे शहर आ भी जाऊं तो"
MSW Sunil SainiCENA
एकलव्य:महाभारत का महाउपेक्षित महायोद्धा
एकलव्य:महाभारत का महाउपेक्षित महायोद्धा
AJAY AMITABH SUMAN
आधुनिकता के इस दौर में संस्कृति से समझौता क्यों
आधुनिकता के इस दौर में संस्कृति से समझौता क्यों
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
क्या करें
क्या करें
Surinder blackpen
💐अज्ञात के प्रति-114💐
💐अज्ञात के प्रति-114💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"मेरी मसरूफ़ियत
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा दर्पण
मेरा दर्पण
Shiva Awasthi
मेंटल
मेंटल
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
" राज सा पति "
Dr Meenu Poonia
# शुभ - संध्या .......
# शुभ - संध्या .......
Chinta netam " मन "
नजरों से इशारा कर गए हैं।
नजरों से इशारा कर गए हैं।
Taj Mohammad
कई सूर्य अस्त हो जाते हैं
कई सूर्य अस्त हो जाते हैं
कवि दीपक बवेजा
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
Ankit Halke jha
"आखिरी इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
अलविदा
अलविदा
Dr Rajiv
*आर्य समाज जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं करता*
*आर्य समाज जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं करता*
Ravi Prakash
ह्रदय की अनुभूति
ह्रदय की अनुभूति
Dr fauzia Naseem shad
प्लेटफॉर्म
प्लेटफॉर्म
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समय
समय
Saraswati Bajpai
मजदूर।
मजदूर।
Anil Mishra Prahari
নির্মল নিশ্চল হৃদয় পল্লবিত আত্মজ্ঞান হোক
নির্মল নিশ্চল হৃদয় পল্লবিত আত্মজ্ঞান হোক
Sakhawat Jisan
जमातों में पढ़ों कलमा,
जमातों में पढ़ों कलमा,
Satish Srijan
भारत का संविधान
भारत का संविधान
rkchaudhary2012
Loading...