नई शुरुआत
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रचना का विषय : नई शुरुआत
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नई शुरुआत तो हर सुबह होती है
हम सभी सोच हर पल बदलती हैं
नई शुरुआत तो जीवन का सार कहती है।
आज धूप तो कल छांव होती है।
हम जीवन को अपना कहते हैं।
नई शुरुआत का मंथन हम बनते हैं।
स्वार्थ जीवन का अपना मोल कहता हैं।
सच तो नई शुरुआत होती है।
हम एक दूसरे के मान सम्मान करते है।
नई शुरुआत तो जीवन भर होती है।
हॉ रंगमंच में नित्य हम नई शुरुआत करते है।
एक दूसरे के सच सहयोग करते हैं। बस नई शुरुआत हम अपनी करते हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उप्र