Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

दो सहोदर

दो सहोदर,
साथ–साथ पला,
बढा,
पवरिश और छत्तरी,
मार्ग, लक्ष्य भी एक,
माता–पिता का,
समान स्नेह भी मिला ।

पर, शादी होते ही,
सबकुछ बदला,
अब, दो सहोदर,
अलग–अलग,
ध्रुब में,
राहगुजर बन बैठा,
दो अजनबी के तरह,
एक ही छत तले,
किरायेदार सी भूमिका,
निर्वाह करने को आतूर ।

वही दो सहोदर,
अब, अपने संतान को,
एक–दूसरों के खिलाफ,
बनाने की प्रतियोगिता में,
भावी पीढी को भी,
अपनों ही से,
अपनों को दूर,
धकेलता ।

अब, तो वह सरोदर
कहा रहा,
एक ही शहर में,
अनजान सी,
जीवन ढो रहा,
अपनों ही के,
शुभ कार्य,
अन्त्येष्ठि में भी,
अपनों से ही,
हकार–न्यौता रीति
प्रचलन,परम्परा
निभाता ।

#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)

Language: Hindi
1 Like · 104 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all
You may also like:
तुम आ जाओ एक बार.....
तुम आ जाओ एक बार.....
पूर्वार्थ
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
Ravi Prakash
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चार दिन की जिंदगी
चार दिन की जिंदगी
Karuna Goswami
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
श्रावणी हाइकु
श्रावणी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
गृहणी का बुद्ध
गृहणी का बुद्ध
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
ईश्वर
ईश्वर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राज्यतिलक तैयारी
राज्यतिलक तैयारी
Neeraj Mishra " नीर "
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
मेघ गोरे हुए साँवरे
मेघ गोरे हुए साँवरे
Dr Archana Gupta
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
*प्रणय प्रभात*
Experience Life
Experience Life
Saransh Singh 'Priyam'
कतौता
कतौता
डॉ० रोहित कौशिक
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
Loading...