Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

चार दिन की जिंदगी

चार दिन की जिंदगी है खुल के जियो,
इसी विचार ने उन्हें निकम्मा बना दिया।
जब पांचवें दिन मरना ही है, तो ऐसी ऐश की,
कि चार दिन में पूरा घर खाली कर दिया।
अब फिरते हैं दरबदर खाली जेबें लेकर,
चार दिन की जिंदगी ने उन्हें 40 का बना दिया‌।

24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े
Sanjay ' शून्य'
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नीला सफेद रंग सच और रहस्य का सहयोग हैं
नीला सफेद रंग सच और रहस्य का सहयोग हैं
Neeraj Agarwal
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
महफिले सजाए हुए है
महफिले सजाए हुए है
Harminder Kaur
........,?
........,?
शेखर सिंह
कॉटेज हाउस
कॉटेज हाउस
Otteri Selvakumar
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
SHAILESH MOHAN
क्यों तुम उदास होती हो...
क्यों तुम उदास होती हो...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
Ram Krishan Rastogi
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
जिसकी भी आप तलाश मे हैं, वह आपके अन्दर ही है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मन किसी ओर नहीं लगता है
मन किसी ओर नहीं लगता है
Shweta Soni
दिल जीत लेगी
दिल जीत लेगी
Dr fauzia Naseem shad
निर्धनता ऐश्वर्य क्या , जैसे हैं दिन - रात (कुंडलिया)
निर्धनता ऐश्वर्य क्या , जैसे हैं दिन - रात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*पयसी प्रवक्ता*
*पयसी प्रवक्ता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
ग़ज़ल _ शरारत जोश में पुरज़ोर।
Neelofar Khan
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
Raju Gajbhiye
3044.*पूर्णिका*
3044.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सवाल*
*सवाल*
Naushaba Suriya
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
तिरंगा
तिरंगा
Dr Archana Gupta
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...