Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2017 · 1 min read

दो दिन का मेहमान है

पैसा ही पैसा इस जग मे,
पैसा ही तो शान है|
तू क्यो इतराता इतना,
दो दिन का मेहमान है||

नोट बंदी पर इक कविता,
मे तो यारो वोल रहा|
अमीर के जीवन मे ,
मे जहर की पुढ़िया घोल रहा||

आधी रात के मोदी ने जी
एक फटाका फोड़ा रे|
सारे हो गये डोरा भैया,
बाप बचो ने मोड़ा रे||

नोट बंदी के कारण भैया,
रातो रात न सोते रै|
बैंको मे वो लेन लगाकर,
जीप मे पैसा ढोते रै||

नाक मे दम कर दई मोदी ने,
सारे भूखा सोते रे|
नोटो के ऊपर सोते कोई,
नोटो के कारण रोते रे

Language: Hindi
Tag: कविता
280 Views

Books from कृष्णकांत गुर्जर

You may also like:
फुलों कि  भी क्या  नसीब है साहब,
फुलों कि भी क्या नसीब है साहब,
Radha jha
आंसूओं की नमी का
आंसूओं की नमी का
Dr fauzia Naseem shad
दिल यही चाहता है ए मेरे मौला
दिल यही चाहता है ए मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
हौसला (हाइकु)
हौसला (हाइकु)
Vijay kumar Pandey
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कहीं भी जाइए
कहीं भी जाइए
Ranjana Verma
✍️कभी कभी
✍️कभी कभी
'अशांत' शेखर
THOUGHT
THOUGHT
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
मेहनत तुम्हारी व्यर्थ नहीं होगी रास्तो की
मेहनत तुम्हारी व्यर्थ नहीं होगी रास्तो की
कवि दीपक बवेजा
💐अज्ञात के प्रति-131💐
💐अज्ञात के प्रति-131💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
Prabhu Nath Chaturvedi
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
पालनहार
पालनहार
Buddha Prakash
* रौशनी उसकी *
* रौशनी उसकी *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नज़रिया
नज़रिया
Dr. Kishan tandon kranti
रोटी
रोटी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
चाहे जितना तू कर निहां मुझको
चाहे जितना तू कर निहां मुझको
Anis Shah
चलना हमें होगा
चलना हमें होगा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
फर्ज अपना-अपना
फर्ज अपना-अपना
Prabhudayal Raniwal
वीरगति
वीरगति
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
*मस्तियों का आ गया मौसम, हवा में प्यार है  (हिंदी गजल/गीतिका
*मस्तियों का आ गया मौसम, हवा में प्यार है (हिंदी...
Ravi Prakash
आस्तीक भाग -सात
आस्तीक भाग -सात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ प्रयोगशाला बना प्रदेश, परखनली में शिक्षा
■ प्रयोगशाला बना प्रदेश, परखनली में शिक्षा
*Author प्रणय प्रभात*
भोजपुरी भाषा
भोजपुरी भाषा
Er.Navaneet R Shandily
कानून लचर हो जहाँ,
कानून लचर हो जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मूर्दों का देश
मूर्दों का देश
Shekhar Chandra Mitra
इन वादियों में फिज़ा फिर लौटकर आएगी,
इन वादियों में फिज़ा फिर लौटकर आएगी,
करन मीना ''केसरा''
नारी
नारी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कर ले प्यार
कर ले प्यार
Satish Srijan
चाँदनी में नहाती रही रात भर
चाँदनी में नहाती रही रात भर
Dr Archana Gupta
Loading...